कुछ चुनिंदा रचनायें जिन्हें हम अपने पाठकों के सामने रखना चाहते हैं प्रस्तुत हैं - इनका आधार इनके रचनाकारों के द्वारा उठाये गए मुद्दे एवं रचना का खुद का महत्व दोनों हैं इसके साथ साथ इसमें हास्य रचनाओं को भी जगह दी गयी है
01. पेड़ लगाओ - अर्पिता पांडेय
02. अंधविश्वास-अंधभक्ति - राजेश कुमार कौशल
03. अरे ओ हरिया- पार्ट-2 - लेखराम यादव
04. How pleasant that childhood was - प्रज्ञा कश्यप
05. पेड़ महावृक्ष बन जाती - Vadigi.aruna
06. लोकतंत्र के लिए खतरा - नेत्र प्रसाद गौतम
07. लम्हाँ गुज़र गया - स्नेह धारा
08. मेहनत को हीं पुरस्कार है - Sujeet Anand
09. जिंदगी की किताब – कमलकांत घिरी
10. भ्रष्टाचारी उल्लू हास्य व्यंग - डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
11. वो ना होती तो - रीना कुमारी प्रजापत
12. सूरज शाम से बतियाने लगा है.. - विजय प्रकाश श्रीवास्तव
13. अनुभवों का पन्ना - डॉ कंचन जैन स्वर्णा
14. क्यूं खोया खोया रहता है अब दिल अपना - लेखराम यादव
15. रचनाओं के ऊपर क़ातिल - हास्य रचना - वेदव्यास मिश्र
आप उधर लिखते-पढ़ते हैं और हम इधर इसी उधेड़बुन में रहते हैं कि इन मूलयवान रचनाओं को पुरुस्कृत कैसे किया जाए -
यह हमारा वर्चुअल पुरस्कार को सहज स्वीकार करें आपकी कलम बहुत कुछ बोलती है बहुत कुछ लिखती है इस सफर को यादगार बनाना हमारा काम है
हम अपना पूरा प्रयास करेंगे आपकी रचनाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में और उनको वर्चुअल पुरुस्कार से सम्मानित करने के लिए
सभी पाठकों का विशेष धन्यवाद, एवं सभी रचनाकारों को आदर भाव से सम्मान इतनी खूबसूरत रचनाओं के लिए - आगे के सफर को जारी रखते हैं ऐसे ही सिलसिलों के साथ
लिखते रहिये - पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम