New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

अर्थ

आसान सी भाषा का कठिन शब्द
दूजे की निगाह का ज्ञान लब्ध
मेरा वैसे कोई अर्थ नहीं
पर ज्ञान के माफिक.. व्यर्थ नहीं

समरथ है बस नाम का समरथ
जैसे प्रकाश के समक्ष ओजोन परत
अवशोषित करने की अल्प समझ
पूरा सोखूँ...इतना समर्थ नहीं
मेरा वैसे कोई अर्थ नहीं
पर ज्ञान के माफिक.. व्यर्थ नहीं

मुसलसल सवालों का ठहरा जवाब
जेहन में रखा है अनगिनत ख्वाब
व्याख्या है बस जीवन अपना
जिसमे अब भी सन्दर्भ नहीं
मेरा वैसे कोई अर्थ नहीं
पर ज्ञान के माफिक.. व्यर्थ नहीं

मैं भाव का बहता हूँ कलकल
फिर करते हैं कई सवाल विकल
न भाव का कोई स्थायीकरण मेरे
और....पूर्णता में भी तदर्थ नहीं
मेरा वैसे कोई अर्थ नहीं
पर ज्ञान के माफिक.. व्यर्थ नहीं
-सिद्धार्थ गोरखपुरी




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Lalit dadhich said

रचना की रोचकता और आकर्षण है लेखनी में, आपकी मुस्कुराहट नज़र आ रही है लेखनी में बस रचना की विभेदता रहे समानता रहे आपकी लेखनी में। बहुत सुंदर प्रकाशमय। धन्यवाद

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

अति सुन्दर, भावपूर्ण, सारगर्भित लेख,वाह!

सिद्धार्थ गोरखपुरी said

आप दोनों को सादर धन्यवाद ऐसे स्नेहाशीष प्रदान करते रहें

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन