जताने मानने कमाने दिखाने की उम्र कभी नहीं होती।
जब चाहो लग जाओ दुनियां को अपना हुनर दिखाओ।
तुम्हारे तकलीफों से किसी को कोई सरोकार नहीं है।
तेरे दुखों की कोई पैरोकार नहीं है।
तू हसेगा तो दुनियां हसेगी
तेरे रोने से किसी को कोई दारोकार नहीं है।
तो हस केवल हसा दुनियां की सारी खुशियां पा।
कुछ नया कर की दुनियां तेरे पीछे भागे।
दिन रात तेरे हीं गुणगान में जागे।
जिसे तू महान समझता है वे भी तो आम आदमी हीं थें।
हिम्मत मेहनत साहस से अपनी खुद की जीवन बना।
जम के खा और कुछ बन के दिखा।
यहां उगते सुरज को नमस्कार है।
अस्त होने वाले का सहसा तिरस्कार है।
और मेहनत करने वालों को पुरस्कार है।
जो समझ गया वही तो समझदार है।
नासमझ यहां बेकार और बेज़ार है।
ये दुनियां एक बाज़ार है।
और जो दिखता है वही बिकता है।
कर कुछ नया की दुनियां बनने चाहे तेरे जैसा।
नहीं तो खाली सुनी अलसाई जिंदगी
सबसे बेकार है।
कुछ नया करने वालों की हीं संसार है...
बाकी सब बेकार है...
बाकी सब तिरस्कार है.....
मेहनत को हीं पुरस्कार है....