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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

अरे ओ हरिया- पार्ट-2

अरे ओ हरिया पार्ट-2

गब्बर - सुबह-सुबह ये हरिया कहां मर गया (हरिया को बुलाने के लिए हांक लगाते हुए) हरिया, अरे ओ हरिया......।
हरिया - (ऊंची आवाज में जवाब देते हुए ) जी सरदार, अभी आया
गब्बर - ( पास आने पर चिल्लाते हुए ) कहां गायब हो गया था रे, मच्छर की तरह..।
हरिया - सरदार उगाही पर गया था, अभी लौटा तो आपकी आवाज सुनाई पङी, हुजूर कैसे याद किया।
गब्बर - दो लाठी दिन चढ़ आया और तुझे खबर ही नहीं मैंने तुम्हें किस को पकङ कर लाने को कहा था।
हरिया - सरदार मैंने तो कल ही अपने आदमियों को उस दिलजले शायर अशोक पचौरी और नखरीली रीना प्रजापत को पकङ कर लाने के लिए काम पर लगा दिया था। अपने खास आदमी ने बताया कि ये लिखन्तु डाॅट काॅम वालों ने के किसी कवि सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली गए हैं। सुना है कि वहां वेदव्यास मिश्र, ताज मोहम्मद, अर्पिता पांडे, जैसे बङे-बङे शायर आ रहे हैं, उसमें भाग लेने के लिए वो बिगङेल और अवारा आशिक लेखराम यादव भी भाग ले रहा है। ये दोनों परसों जैसे ही धौलपुर के जंगल में प्रवेश करेंगे हमारे आदमी उन्हें दबोच लेंगे और हुजूर की सेवा में पेश कर दिया जाएगा।
गब्बर - हूं...... .... इसका मतलब हमें उनका कल तक और इन्तजार करना पङेगा ।
हरिया - जी सरदार वो तो करना ही पङेगा।
गब्बर - हूं ...... ठीक है अपने और आदमी रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और एयरपोर्ट पर निगरानी पर लगा दो।
हरिया - जी सरदार अभी लगा कर आता हूं।

.. क्रमशः ... शेष अगले भाग में।


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

Bhushan Saahu said

Very funny..😂😂

Lekhram Yadav replied

भूषण साहू जी आपको धन्यवाद सहित नमस्कार।

ताज मोहम्मद said

हा हा हा बहुत ही खूब भाई। आप ही इस तरह का चित्रण कर सकते है सबके वश की बात नही। मजा आ गया। आज बहुत दिनों बाद कोई रचना पढ़कर हंसी आई। बहुत ही सुंदर। आपको मेरा सलाम 🙏

Lekhram Yadav replied

ताज भाई स्वागत है आपका इस नाट्यशाला में और इतना अच्छा कमेंट करने के लिए धन्यवाद।

डॉ कृतिका सिंह said

Full of laughter Bahut Achha Chitran

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद डाॅ सिंह कोशिश जारी है आपको हंसाने की । कभी शायर बन कर तो कभी जोकर बन कर। इसका लुत्फ अवश्य उठाइएगा।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Gabbar singh ji se meri vinti hai ki meri upsthiti to din pratidin samay samay par lagti rahti hai fir mere nam ka warranty kyu niklwa diya jaata h huzur, hariya bhaiya ko to sab pata rahta hai pahad ki unchi choti se sab dikhta hai, fir bhi warranty par sign karke sainik kyu assign kar diye jaate hain, apart of that bahut Uttam hasya ke sath aapne ise Prastuti kiya hai.. Dhaulpur ke jangle se bachkar jaana padega ab.. Pranam sweekar karein🙏🙏

Lekhram Yadav replied

सर जी ये तो उसी दिन पता चलेगा जिस दिन गब्बर से सामना होगा। शुभ रात्री।धन्यवाद

रीना कुमारी प्रजापत said

Oh My God 🤣🤣

रीना कुमारी प्रजापत said

आपके अगले भाग का इंतजार है हमे

Lekhram Yadav replied

जरूर मेरी प्यारी बहना। धन्यवाद

Vineet Garg said

गब्बर इस बैक अगेन?

Lekhram Yadav replied

विनीत जी सुप्रभात। आपकी बात सही है गब्बर वापस आ गया है मगर अभी आंखों से ओझल है।

कमलकांत घिरी said

बहुत खूब... पूरी कहानी में मेरा हंसी रुकने का तो नाम ही नही ले रहा था, बहुत मजा आया very very funny😂 and intresting अगला पार्ट जल्दी रिलीज करिए यादव सर जी 😂😂।।प्रणाम स्वीकार करें।।🙏

Lekhram Yadav replied

भाई कमलकांत घिरी जी आपको धन्यवाद सहित नमस्कार एवं धन्यवाद।

वेदव्यास मिश्र said

मतबल..बहुत ही सँभलकर और छुपकर जाना होगा काव्य सम्मेलन में !! अगर ये शोले वाला गब्बर हुआ तो काव्य छोड़कर "मेहबूबा " वाले गाने में हेलन जी के साथ डांस करना होगा यादव जी !! चलिए..अच्छा है..इसी बहाने कोई नया आइडिया आयेगा लिखने का 😁😍😍😁

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सर

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