कैसी यह आजादी आज
यही विस्तृत प्रश्न है विकराल
क्या यहीं थी गांधी की चाह
जिसके लिए दिए लाखों बलिदान
रानी लक्ष्मीबाई भगतसिंह सुखदेव
राजगुरु सुभाष चन्द्र बोस आज़ाद
भुला दिए गये उनके सिद्धांत
क्या आज भी है हम गुलाम
भारत में गरीबी गई रही वहीं राग
बिन रोटी कपड़ा बचपन
अब भी भूखा नंगा आज
शिक्षा बिन उसका जीवन अंधियार
कैसी है यह आजादी आज
सबकी भूख मिटाने वाला
किसान जो उगाता लाखो
टन बेशकीमती अनाज
फिर क्यों भूखा वह आज
कैसी यह आजादी आज
विधार्थी को शिक्षा नहीं समान
बेरोज़गारो को रोजी नहीं आज
मेरी लेखनी सबसे पूछें यहीं सवाल
क्या आप देंगे जवाब
क्या आप देंगे जवाब
मौलिक रचना
✍️#अर्पिता पांडेय

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




