ज़िंदगी की यही कहानी हो
अपनों की एक हस्ती हो ,
ख़्वाबों की एक कश्ती हो।
जीवन में हर तरफ़ मस्ती हो ,
ज़िंदगी की यही कहानी हो ।
अपनों में प्यार समाया हो ,
ख़्वाबों में अपना आया हो।
जीवन में सुकून छाया हो,
ज़िंदगी की यही कहानी हो ।
अपनों ने अपनों को अपनाया हो,
अपनों और परायों में भेद मिटाया हो।
जीवन ने प्रेम राग सुनाया हो ,
ज़िंदगी की यही कहानी हो ।
ना कुछ तेरा, ना कुछ मेरा हो,
जो भी हो बस हमारा हो।
जीवन का हंसी फसाना हो,
ज़िंदगी की यही कहानी हो।
[रीना कुमारी प्रजापत]