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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

पेड़ महावृक्ष बन जाती

पेड़ को जितनी बार काटने
पर भी बार-बार महावृक्ष बन जाती
क्योंकि पेड़ की शक्ति जड़ों में रहते हैं
इंसान की कमजोरी पकड़ना आसान हो सकते
पर मजबूत किसी के सामने न आते
क्योंकि पेड़ की जड़ों की तरह
इंसान के मजबूत भी अपने में निहित रहते है ॥




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Shyam Kumar said

Bilkul sach kha...logo ko kabhi apni root nahi bhulni chahy. Aur usi majbuti ke sath khde rhna chahy.

Muskan Kaushik said

Majbuti ho to pedho ki jado jesi..jo pure pedh ko smbhale rhti h. Ase hi insan ko bnna chahy.

कमलकांत घिरी said

बिल्कुल सही कहा आपने इंसान की मजबूती उसके अंदर ही होती है जो हर किसी को दिखाई नहीं देती, बिल्कुल पेड़ की जड़ की तरह...

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