अहम् किस बात का करें
संस्कारों को नियम बना लिया हमनें
मन से भी माना होता तो अच्छा होता
ग्रन्थों के कथनों को रट लिया हमनें
जीवन में भी अपना लेते तो अच्छा होता
प्रभु से माँगते हुए उनकी महिमा को जाना हमनें
गलत कर्म करते हुए भी उनकी शक्ति को पहचान लेते तो अच्छा होता
सबके चरित्र को अपनी धारणाओं से तोला हमनें
कभी स्वयम् को भी परखा होता तो अच्छा होता ..
वन्दना सूद