जिंदगी की किताब में,
अनुभवों के पन्नों में।
अनगिनत कहीं अनकही,
कहानियां लिखीं हैं।
वक्त मिला तो,
सुनाऊंगा जरूर,
की किन ख्यालों में हूं, मैं मगरूर।
कुछ खट्टे मीठे अनुभव साथ नहीं छोड़ते,
मृत्यु की शय्या तक।
कभी वक़्त मिला,
तो उन अनुभवों को कभी लिखूंगा तो कभी लिखकर मिटाऊंगा जरूर।