मै बिहारी हूँ,
ऐतिहासिक धारा में बसा,
गौरव से भरा, माटी का प्रहरी, सशक्त इशारा।
कोशी की लहरें गाती हैं इतिहास की बात,
जहां सृजन की गाथा, वहाँ संघर्ष की सौगात।
गंगा की जो बहे धारा मैं उसका अधिकारी हूं
हा मैं बिहारी हूं
बुद्ध की भूमि, महात्मा का कदम,
शक्तिमान कर्ण का, यहाँ पर था जन्म।
तूफानों में भी, बिहारी डटा रहा,
सच की राह पर, वो बढ़ता रहा।
नालंदा का मैं ज्ञान भरा अशोक सा शांति परोपकारी हु
हा मैं बिहारी हूं
अस्सी वर्ष में जगी जवानी
वीर कुंअर सिंह की ये कहनी
हाथ काट कर किए समर्पण
गंगा माता को दिया जो अर्पण
पीर अली के जन्मभूमि से
आया मै क्रांतिकारी हु
हां मैं बिहारी हूं