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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

रचनाओं के ऊपर क़ातिल - हास्य 😍😁रचना- वेदव्यास मिश्र

रचनाओं के ऊपर क़ातिल हसीनाओं की तस्वीर,
देख भड़क गईं श्रीमती जी मेरी !!

भड़क कर उन्होंने कहा,
आज जाकर खुली है पोल आपकी !!
तभी तो समझूँ ,
आजकल आप मेरी तरफ क्यूँ देखते ही नहीं हो !!

दिन भर क्यूँ मोबाईल में ही घुसे रहते हो !!

कभी मुझ पर भी तो एकाध शृंगार रस की कविता टपकाया करो !!

शृंगार न सही कम से कम,
मुझे मोटिवेशन ही ठहराया करो !!

मैंने अपने बचाव पक्ष को,
मज़बूत करते हुए अपनी सफाई में बस इतना ही कह पाया ..

मेरी श्रीमती जी,
मैं ही तो हूँ तुम्हारा श्री
और तुम्हीं तो हो मेरी मती !!
यानि श्री की मती !!

जब तुम हो सही तो,
क्या मैं गलत हो सकता हूँ भी कभी !!

क्या तुम्हें अपने करवा चौथ पर भी विश्वास न रहा जानू..

इतने सारे तुम्हारे उपवास के बावजूद,
क्या गलत हो भी सकता है मुझ जैसा पत्नीव्रता पति भी कभी..

वो सारी तस्वीर तो मेरी रचनाओं पर न्योछावर हैं मात्र !!

धीरे से ही सही..
मेरी रचनाओं को पढ़ने के लिए लोग आ तो रहे हैं कम से कम !!

आज ये छोरियाँ आ रही हैं..
कल कौन जाने अम्बानी ही आ जाये !!

तुम्हारे श्री की रचना पर बस एक नज़र पड़ जाये किसी की..

फिर तुम भी हिट और तुम्हारा
श्री भी हिट !!

तब जाकर उन्हें कन्वियेन्स कर पाया..

और हौले से बोलीं..
तब तो ठीक है जी..
फिर तो लगे रहिये..
लेकिन..अगर..मगर..किन्तु..परन्तु..
( शर्तें लागू हैं )

- - वेदव्यास मिश्र


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (17)

+

Bhushan Saahu said

😂😂 fir to taiyar rhiyega kyoki sawalo ka sailab kabhi bhi aa skta ha.

रीना कुमारी प्रजापत said

बिल्कुल सही लिखा भाईसाहब.. आज ये छोरियां आ रही है कल को अंबानी आ जाए....😀😀तालियां,आपने आज जो लिखा है ना, जब इसे कोई ऐसा इंसान जो अभी बहुत ही दुख में हैं जिसकी मुस्कान कहीं गायब हो गई है आपकी इस हास्य रचना को पढ़ एक पल के लिए वो भी अपने दुख भूल जायेगा और हंसने लगेगा... आपकी इस रचना को पढ़ मुझे भी बहुत हंसी आई..😊😊 इसी तरह लिखते रहिए और सभी के चेहरों पर मुस्कान लाते रहिए🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

तब तो ठीक है ,....अगर .....मगर ........किन्तु .......शर्तें लागु सारा जोखिम आपका अपना इस योजना से जुड़े दस्तावेज ध्यान से पढ़े? बीमा कम्पनी जब पालिसी बेचती हैं वही वाली सिचुएशन होगयी आचार्य जी, लेकिन बहुत अच्छे से संभाला नायक ने नायिका को... प्रणाम स्वीकार करें

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

अंतिम ४ पंक्तियों के साथ साथ (शर्तें लागु हैं) ने वास्तव में पूरी रचना को अमर कर दिया है

Komal Raju said

Waah.👏👏

वेदव्यास मिश्र said

Bhushan Saahu जी, जब तक आप लोगों की दुआएँ साथ हैं..एक बाल भी बांका नहीं हो सकता साहू जी !! अभी तक तो सही सलामत हैं हमारे सर के बाल..आगे भगवान के प्रति आस्था बढ़ा देंगे !! वैसे भी मैं गीता सार को मानने वाला अति धार्मिक और आस्थावान व्यक्ति हूँ !! मैं मानता हूँ..समुद्र के किनारे अगर खड़े रहे तो लहर हमें छू के ज़रूर जायेगी !! मोहब्बत, जंग और खेल में आखिर तक ज़रूर टिके रहने चाहिए !! कभी-कभी जीत आखिरी गेंद में भी मिल सकती है !! आभार बन्धु !! नमस्कार 🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

Komal Raju जी, सधन्यवाद आभार 🙏🙏💜💜🙏🙏

अर्पिता पांडेय said

बहुत सुंदर पंक्तियां हास्य रस से भरी हुई है

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी जी, अभी तक तो कृपा बनी हुई है प्रभु की..आगे तो ईश्वर ही हैं !! अब तक तो स्वयं को टिकाये हुए हैं स्वयं को मैदान पर अनुज श्री !! कभी-कभी क्रिकेट के मैदान में जीरो रन लेकर स्वयं को टिकाये रहना भी बहुत ज़रूरी होता है !! सही कहा आपने, हर जगह तो शर्तें लागू है ही !! मगर विकट परिस्थिति में खुद को सँभाले रहना भी बहुत ज़रूरी है ..वैसे भी चंठ होना किसी भी एंगल से बुरा नहीं है !! शुभाशीष मेरे हृदयप्रिय अनुज !! बेलन कहीं से गुजरती है.. तभी आपकी दुआएँ हमें बचा लेती हैं !! बस दुआओं में कभी कमी मत कीजियेगा..फिर तो इन शर्तों की परवाह करता ही कौन है 🙏💜💜🙏

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, सहृदय आभार नमन मेरी प्यारी बहन !! जब बहन मेरे साथ है तो फिर मुझे किसी से डरने की जरूरत ही क्या है !! कहते हैं बहन की दुआओं में बहुत दम होता है जो अपने भाई को हर बला 😍 से बचा लेता है !! अगर मेरी रचना पढ़कर आपके या किसी के भी चेहरे पर हल्की भी हँसी या मुस्कान आ सकती तो मेरे लिए बहुत बड़ा पुन्ड्य होगा ये मेरे लिए !! शुभाशीष नमन..मेरी प्यारी बहन !! हमेशा मुस्कुराते रहिये !! 🙏💜💜🙏

वेदव्यास मिश्र said

Arpita pandey जी, नमन आभार आपके उत्साहवर्धक समीक्षा के लिए !! लिखन्तु डाॅट काॅम अब एक परिवार जैसा लगता है !! ऐसा लगता है,आप सभी से की बरसों से परिचय है !! ईश्वर से विनती है,हम सब ऐसे ही हँसते रहें और मुस्कुराते रहें !! 🙏💜💜🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

हम हमेशा आपके साथ है और हमेशा आपके लिए दुआएं करते रहेंगे भाईसाहब 🙏🙏 अपनी छोटी बहन का प्रणाम स्वीकार करें प्रणाम

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, तब तो आग लगा देंगे पानी में !! बस रिक्वेस्ट ये है कि टेस्ट लेने के लिए पानी मत ले आइयेगा 😁😁 स्नेहाशीष बहन 🙏🙏

Divya Kushwaha said

uttam prastuti

Ankush Gupta said

Aha👌👌 anandmay hasya usase sundar commentry...

वेदव्यास मिश्र said

Divya Kushwaha जी, आपने इस रचना में अपनी बेशकीमती उपस्थिति प्रदान कर हमें अनुगृहित किया है !! हृदय आनंदित अभिमंत्रित आभार नमन 🙏🙏💜💜🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

Ankush Gupta जी, हम भी गौरवान्वित हैं आप दोस्तों की अपनेपन से भरी समीक्षा पर अपनी शुक्रिया अदा करके..आप सभी का आभार व्यक्त करके !! नमस्कार बन्धु 🙏🙏💜💜🙏🙏

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