कापीराइट गीत
क्यूं खोया खोया रहता है अब दिल अपना
प्यार में पागल हो गया शायद दिल अपना
इक हवा के झोंके ने फिर से महकाया है
यह प्यार की भीनी भीनी खुशबू लाया है
अब कैसे समझाए खुद को ये दिल अपना
प्यार में पागल......................
कब चैन मिलेगा इन जुल्फों की छावों में
अब थाम ले कोई मुझको अपनी बाहों में
बस में नहीं है शायद अब ये दिल अपना
प्यार में पागल.......................
इस राह में चलते पड़ गए छाले पावों में
है खबर नहीं कब चुभ गए कांटे पावों में
अब ढ़ूंढ़ रहा हूं तेरे शहर में दिल अपना
प्यार में पागल.......................
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




