कविता - लोकतंत्र के लिए खतरा....
सत्ता पक्ष किसी से
न डरता हो
भष्टाचार ही भष्टाचार
करता हो
ये देख विपक्ष
चुप चाप रहता हो
सत्ता पक्ष को
कुछ न कहता हो
पत्रकार भष्टाचार के
बारे में कुछ न लिखता हो
मुकदर्सक बन कर
खड़े खड़े देखता हो
कर्मचारी तंत्र भी हर किसी को
भष्टाचार में साथ देता हो
गरीब जनता का पैसा
वह भी लूट कर लेता हो
अगर कोइ इसी तरह
देश लूट लूट कर खा रहा है
समझ लो उस देश का
लोकतंत्र खतरे में जा रहा
समझ लो उस देश का
लोकतंत्र खतरे में जा रहा है.......