कविता - तुम खोना नहीं....
तुम मेरी इस
दिल की रानी हो
तुम ही बुढ़ापा तुम ही
मेरी जवानी हो
कहीं जा कर
तुम खोना नहीं
किसी की कभी
तुम होना नहीं
क्यों की तुम्हारे कारण ही
मेरा सांस भीतर बाहर करता
अगर तुम न होती तो
दुनिया से मैं कब का मरता
अगर तुम न होती तो
दुनिया से मैं कब का मरता.......