सुना है देशनोक में कोई माता माता करके कोई देवी रहती है,
जो आए उसके द्वार ,उसकी विपदाएं हर लेती है।
कुछ आस्था रही ,कुछ रही देवी की शक्ति,
तब ही नीरस बंजर भूमि में निपजी करणी की भक्ति
देश विदेश से आते लोग ऐसा ठहरा करनी का जोग,
भर भर थाल 56 भोग करनी हरे सब कष्ट रोग,
अगर भगवान ना होता तो उस मंदिर के दहलीज का
वह संगमरमर इतना न धीसता,
अब बात देशनोक पर आई है तो,
कवि लिखे बिना रह नहीं सकता,
गंगा सिंह को अंग्रेज कुछ कह न सकता
इतिहास तो इतना गहरा है ,
चारों दिशाओं में मां करणी का पहरा है।
यहां कोई बड़ी शक्ति रही होगी
यही जीवन का आखिरी पत्थर कह रहा है।
----अशोक सुथार

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




