बुझ जाएगा चराग़
गहरी बात है ए समझ लो
उड़ जायेंगे पंछी
तूफामें संभल लो
बुझ जाएगा चराग़
गहरी बात है ए समझ लो
कितना बाकी है जीवन
पता कहां खुल के जी लो
बुझ जाएगा चराग़…
गहरी बात है ए समझ लो
गुम हो जायेगी किताब
हर पन्ने को हजारों दफ़ा पढ़ लो
बुझ जाएगा चराग़….
गहरी बात है ए समझ लो
हर सुलगते सवालों में
नेकी का दरियाँ भर लो
बुझ जाएगा चराग़….
गहरी बात है ए समझ लो
रज से बने उसमें मिले
मिलकर फ़िर अमृत भर लो
बुझ जाएगा चराग़
गहरी बात है ए समझ लो