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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

सांप की तरह - सुप्रिया साहू

मैं अपनों के संग कदम से कदम मिलता हूं,
लोग कहते हैं मुझे मैं सांप की तरह डस जाता हूं,
अपनी ख्वाहिश पूरी करते-करते,
मैं कहीं दूसरी जगह भटक जाता हूं,
लोग कहते हैं मैं आवारा हूं,
उन्हें क्या पता मैं किस चीज का मारा हूं,
अकेले जब मैं बैठता हूं तो तनहाइयां खा जाता है,
लोग मुझे कहते हैं तू अपनों को ही क्यों डस जाता है,
मैं आसमान में उड़ने की फिराक में रहता हूं,
फिर लोगों की बातें सुनकर जंजीरों से बंध जाता हूं,
निकल पड़ता हूं सोच के लोगों से दूर,
घर आते ही मैं प्यार के लिए तरस जाता हूं,
कैसे कहूं मैं अपनों के लिए ही मर जाता हूं...।।

- सुप्रिया साहू




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

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मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

क्या बात है सुप्रिया जी 👌👌एक नया विषय लेकर आयीं है। मेरी अगली रचना में आपको इसका प्रतिबिम्ब पढ़ने को मिलेगा। शीर्षक होगी " " क्यूं भटक रहे हो " जरूर पढ़ना।आपको सादर प्रणाम 🙏🌹

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! बहुत ख़ूब! सुंदर रचना रची है आपने, सुप्रिया जी! बेहतरीन! 👌👌👏👏

रीना कुमारी प्रजापत said

Haaye haaye haaye... Bahut dard hai...

वन्दना सूद said

बहुत खूब 👌👌

पवन कुमार "क्षितिज" said

बढ़िया..बहुत बढ़िया..👌👌मेरी रचनाओं पर आपकी प्रतिक्रिया का आभार करता हूं😊

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