Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

इश्क़ का दरिया बहुत ही प्यारा--प्रेम मोटिवेशनल गीत-- वेदव्यास मिश्र

इश्क़ का दरिया बहुत ही प्यारा,
धीरे-धीरे....हौले-हौले उतरिये !!
है इसमें आनन्द अनूठा,
बस पलकों को बंद ही रखिये !!

जो भी हो बस ..प्यार मिला हो,
इसके बिना जीवन है सूना !!
इश्क़ किताबी भले ही पढ़िये,
पर अधरों को प्यासा ही रखिये !!

आती-जाती लहरों को देखिये,
इन लहरों के साथ ही बहिये !!
इस खोने-पाने के बयार में,
जीवन की परिधी पर चलिये !!

चलते रहिये..कभी न रूकिये,
अंतस के सावन में भीगिये !!
जब भी मिले मौका जीवन में,
समझ के आख़िरी गहरे उतरिये !!

वो हैं अभागे जो जीवन से,
डर के भाग खड़े हो जाते !!
है अजब ये इश्क़ का दरिया,
जितना ही डूबिये उतना निखरिये !!


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Pranam Acharya Ji 🙏🙏 Bahut hi manmohak rachna step by step guide for love....aapki rachna ka intzaar tha kuch khalipan sa tha wo purn hua is rachna ke sath...

डॉ कृतिका सिंह said

जीवन की परिधी पर चलिये !! Atyant mahtwpurn bahut hi sundar dhang se abhivyakt kiya h aapne

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र जी, शुभाशीष नमन सुप्रभात मेरे हृदयप्रिय अनुज !! मेरा भी यही हाल था..आप लोगों के बिना मुम्बई दर्शन अधूरा ही था !! वही खालीपन..जिसकी आपने चर्चा की है अपनी समीक्षा में आपने !! कभी फुर्सत मिली तो मेरी नज़र में मुम्बई के बारे में अवश्य ही प्रकाश डालूंगा !! सबसे अच्छी जगह हमें जुहू बीच लगी जहाँ आम आदमी मिलते हैं !! बिलकुल अपनी तरह ..ज़िन्दगी का जाम पीने वाले और दिल के अमीर असली मतवाले !! बाकी तो सिर्फ फोटो खींचने रहिये..तथाकथित फेमस लोगों के दरवाज़ों, खिड़कियों और न जाने क्या-क्या के !! आपकी प्रतिक्रिया ने थकावट को तरावट में बदल दिया है !! आभार पुन: दिल से 🌈🌈💜💜🌈🌈

वेदव्यास मिश्र said

डॉ कृतिका सिंह जी, गज़ब की पारखी नज़र है आपकी मैम 🙏🙏 नमन करता हूँ आपको और आपके सुपर पावर माइंड विजन और रीडिंग को !! जो कोई भी जीवन की परिधी पर खड़ा है..वह यूँ समझिये,पहाड़ की चोटी पर खड़ा है !! उसे निश्चित ही सब साफ-सेफ दिखाई देने लगता है !! उसे जीवन भी साफ-साफ दिखता है और मौत का बेखौफ सामना भी करना सिखा देता है !! बिलकुल जीभ की देहरी पर राम नाम का दीया रखने से अन्दर भी उजाला होता है और बाहर भी !! यहाँ राम का अर्थ है मात्र आध्यात्मिक मन ..अहंकार से मुक्त !! पुन: च आभार सहृदय 💜💜

वन्दना सूद said

Bahut badiya sir 👏👏🙌🏻🙌🏻

वेदव्यास मिश्र said

वन्दना सूद जी, वेलकम स्वागतम आपकी अनुपम उपस्थिति के लिए बहुत-बहुत हार्दिक आभार व सुप्रभात 🙏🙏💖💖🙏🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


लिखन्तु - ऑफिसियल

दिन ढला है - हाइकु - कमला शरमन

Apr 13, 2024 | हाइकु - कविताएं | लिखन्तु - ऑफिसियल  | 👁 23,825
© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन