इश्क़ का दरिया बहुत ही प्यारा,
धीरे-धीरे....हौले-हौले उतरिये !!
है इसमें आनन्द अनूठा,
बस पलकों को बंद ही रखिये !!
जो भी हो बस ..प्यार मिला हो,
इसके बिना जीवन है सूना !!
इश्क़ किताबी भले ही पढ़िये,
पर अधरों को प्यासा ही रखिये !!
आती-जाती लहरों को देखिये,
इन लहरों के साथ ही बहिये !!
इस खोने-पाने के बयार में,
जीवन की परिधी पर चलिये !!
चलते रहिये..कभी न रूकिये,
अंतस के सावन में भीगिये !!
जब भी मिले मौका जीवन में,
समझ के आख़िरी गहरे उतरिये !!
वो हैं अभागे जो जीवन से,
डर के भाग खड़े हो जाते !!
है अजब ये इश्क़ का दरिया,
जितना ही डूबिये उतना निखरिये !!
सर्वाधिकार अधीन है