गा कर गीत खुशी के
आओ खुद पे इतरातें हैं ।
हैं हम भारतवासी हम
हौसलें अपार रखतें हैं।
पूरब हो या पश्चिम
उत्तर हो या दक्षिण
हम धरती के कोने कोने में
अपनी धमक रखतें हैं ।
आकाशगंगा दुग्धमेखलाओं
की तरह अंतरिक्ष में भी
जगमगाते हैं..
हम हैं असंख्य सूरज तारे
हम जग में सिर्फ़ रौशनी हीं रौशनी
भरतें हैं ।
गा कर गीत खुशी के
हम सबको खुशियां हीं खुशियां बांटते हैं ।
क्या रोना धोना
क्यों करनी शिकायत किसी की
जब हम सब बंधु बांधवें एक हीं हैं
एक हीं है धरती हम सब की मां भी एक हीं है ।
है यह धरती जिसने हमें जन्म दिया
जिसने हमारा वरन किया
आओ उस मां को नमन करतें हैं ,
धरती मां को प्रदूषण के खर दूषण से
मुक्त करतें हैं ।
जब धरती मां ने हम सबको पाल पोश कर
बड़ा किया तो अब हमारी बारी आई है,
अब अपनी भी बड़ी जिम्मेवारी है
आओ इस जिम्मेदारियों को मिलकर
हम सब निभातें हैं
धरती सुरक्षा की भावना संपूर्ण जन मानस में भरतें हैं..
फिर हम सब मिल बैठ कर गीत खुशी के गातें हैं ...
खूबसूरत सी इस जिंदगी के लम्हों को
और खूबसूरत बनातें हैं..
दुनियां में छा जातें हैं
गीत खुशी के गातें हैं..
गीत खुशी के गातें हैं...

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




