लिखन्तु डॉट कॉम पर अप्रैल २०२४ में पाठकों के मन को छू जाने वाली रचनायें एवं उनके रचनाकार - लिखन्तु डॉट कॉम शुरुआत से ही रचनाओं एवं रचनाकारों को अपने पाठकों तक पहुंचने के लिए कर्मबद्धय है, वहीँ पाठक अपनी प्रतिक्रियाओं एवं पठन से लिखन्तु डॉट कॉम के साथ साथ रचनाओं और उनके रचनाकारों को भी प्रोत्साहित करते हैं, उसी श्रंखला में अप्रैल २०२४ की शीर्ष १० रचनायें प्रस्तुत हैं।
1. काल्पनिक रचना श्रंखला के अंतर्गत - वेदव्यास मिश्र की कहानी - श्रेणी "साॅरी मम्मी..साॅरी पापा"
नेहा का नाम टाॅप 10 में था पिछले ही साल 12'th क्लास में ।
बहुत ही होनहार और अपने मम्मी-पापा की लाड़ली परी।
पापा पेशे से डाॅक्टर और मम्मी शहर की फेमस ब्यूटीशियन थीं।
एक शानदार ब्यूटी पाॅर्लर था नेहा के मम्मी का ..जहाँ पर हर दिन का इनकम कम से कम पाँच हज़ार था !!
घर में रूपये-पैसे की ज़रा भी कोई कमी न थी ।
यानि पूरी तरह से सम्पन्न परिवार ।
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2. वास्तविक रचना श्रंखला के अंतर्गत - अशोक कुमार पचौरी की कहानी - श्रेणी "सिंड्रेला"
सितम्बर 2023 में ग्रेटर नॉएडा उत्तर प्रदेश में बिसरख गांव के पास सुपरटेक इको विलेज-2 के सामने वाली हलचल भरी सड़क पर, एक मादा स्वान ने 6 पिल्लों को जन्म दिया, वहीँ उसके साथ की अन्य मादा स्वान ने भी कुछ नवजातों को जन्म दिया।
सोसाइटी का बाजार काफी भीड़ भरा रहता है खासकर शाम होने से लेकर रात्रि 1 बजे तक - वहीँ पर सभी नवजात पिल्ले एक दूसरे के साथ खेलते, एक दूसरे के ऊपर कूदते रहते, कभी भूख लगने पर इधर उधर लोगों के द्वारा बचे हुए खाने को डस्टबिन में ढूंढ़ते हुए दिखाई देते रहते थे।
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3. हाइकु : "परिवेश चिंतन" - राजेश कुमार कौशल
मुट्ठी भर लोग ,
संसाधनों का भोग,
असाध्य रोग !
बेरोजगारी ,
विकासपथ बाधा,
उत्पात वृद्धि !
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4. घर अकेला रह गया - हरि शंकर कुमार
कामनाओं का आसमान लेकर
मन शहर की ओर गया
और घर अकेला रह गया।
संघर्षों की टकराहट से.....
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5. पाखंड का हुनर- डॉ कंचन जैन स्वर्णा
जमाना अनपढ़ था,
तब भी ठीक था।
जब से पढ़ा लिखा हो गया है,
"पाखंड" के,.....
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6. छोड़ दे ज़िद मेरा साथ पाने की - रीना कुमारी प्रजापत
मेरे सपने तेरे सपनों से अलग हैं,
तू मेरे साथ रह नहीं पाएगा।
छोड़ दे ज़िद मेरा साथ पाने की,
तू मेरे साथ रहके
मिले दर्दों को ......
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7. याद पर लिखे कुछ अशआर - डाॅ फौज़िया नसीम शाद
ज़िंदगी नाम बस इसी का है ,
लौट कर वक़्त फिर नहीं आता ।
पूंछ मत मुझसे अहमियत अपनी ,
तेरी यादों में सांस लेते हैं .....
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8. सबकी कहानी अलग होकर भी एक है - वन्दना सूद
सबकी कहानी
अलग होकर भी एक है
हर किसी का जीवन
एक कहानी है
और हर कहानी के बोल ऐसे हैं
जो आँख में आँसू ला देती है....
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9. लात मार फेक दिया.... नेत्र प्रसाद गौतम
तुम से एक बात है कहना हम को
बहुत बहुत मुबारक तुम को
हम से नजर जुदा कर भी
किसी और को देख लिया....
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10. गरीबी देवी की दिवाली - राजेश कुमार कौशल
ख्वावों की लकड़ियों से ,
यादों का चूल्हा जलाकर,
रोटी के सूखे टुकड़ों को ,
भावनाओं के तवे पर ,
कुंठित मन से सैंक कर....
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The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




