मुट्ठी भर लोग ,
संसाधनों का भोग,
असाध्य रोग !
बेरोजगारी ,
विकासपथ बाधा,
उत्पात वृद्धि !
जनसंख्या का ,
प्रभावी नियंत्रण ,
संपन्न देश !
चुनाव युक्ति ,
धनबल बंधन ,
देश हित में !
भ्रष्ट प्रभुत्व ,
संवैधानिक जड़ें ,
रसातल में !
लूटघसूट,
करें मौसेरे भाई ,
बेबस दीन !
अहितकर ,
धर्म सांप्रदायिक ,
उकसाहट !
ताउम्र वंश ,
कर्तव्य निर्वहन ,
यतीम वृद्ध !
तिरंगा बिके ,
राजनैतिक झंडा ,
मुफ्त में बंटे !
स्वतंत्रता है ,
अमूल्य धरोहर ,
संरक्षण हो !
आशा किरण,
जीवंत है हमारा,
सुप्रीम कोर्ट !
झौंपड़पट्टी ,
गरीब दलित का ,
शीशमहल !
सत्ता व्यापार,
धन का चक्रव्यूह ,
गरीब दूर !
दो जून रोटी ,
कठिन परिश्रम ,
मांगे श्रमिक !
निश्चिन्त सोए ,
कोल्हू सा थका बैल ,
बेचारा दीन !
उलटफेर ,
धन्नासेठ की चक्की ,
पिसे गरीब !
भारतमाता ,
इंडिया_हिंदुस्तान ,
तिरंगा शान !
ब्लड _ए _बैंक ,
धर्म जाति विहीन ,
रे , मनुस्मृति !
अंधे की लाठी ,
घूमेगी एक दिन ,
भागेगा चोर !
रोटी व पानी ,
मेहनत का सानी ,
गूगल फेल !
सच्चा पुजारी ,
इंसानियत पूजे ,
हैवान स्वाहा !
भाग्य का लेख ,
उड़ेगा तंबू पक्का ,
तमाशा देख !
गिले शिकवे ,
दूर करके हम ,
बस्ती बसाएं !
गीता कुरान ,
बाइब्ल गुरुग्रंथ ,
कल्याण भव !
मुट्ठी में जहां ,
टिमटिमाते तारे ,
कल्पनालोक !
अतृप्त इंशा ,
भूली भटकी आत्मा,
एक समान !
पत्थर पूजूं ,
समुद्र आसमां भी ,
सौभाग्य मिले !
छिछोरापन ,
घटिया किरदार ,
सौम्य लिबास !
अवांछनीय ,
वैश्विक घटनाएं ,
कोर्ट से बरी !
ये तन्हाईयां ,
नैसर्गिक सौगात ,
शांति मन की !
धन बल की ,
सत्तालुलोपितता ,
डूबती नैय्या !
बेरोजगारी ,
भारत बोट बैंक,
सौभाग्यशाली !
गुरुदक्षिणा ,
गुरु शिष्य संस्कार ,
रहें जीवंत !
बढ़े चलो रे ,
तिरंगा हाथ लिए,
जय भारत !
दीप स्नेह के ,
जीवंत_ए_ईमान ,
ऐ हिंदोस्तान !
----राजेश कुमार कौशल