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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

मतदान

मतदान एक आम नागरिक को देश की राजनीति व शासन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का काम करता है। हमारी मूलभूत आवश्यकताएं, शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था,रोजगार, मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य आदि देश की राजनीति तय करती है। इसलिए देश की राजनीति में अपनी भागीदारी होना अतिआवश्यक है। लोकतंत्र में जनता के पास यह अधिकार है की वो अपने मतदान के माध्यम से अपना शासक चुने। मतदान अपनी नियति का दान होता है अपने मत को बिना किसी दबाव के स्वतंत्रता से अपनी इच्छानुसार देने का अधिकार हमारे पास है। अगर अपना मतदान गलत दिशा में दिया गया है तो निश्चित तौर पर हो हमारे लिए, हमारे देश के लिए नुकसानदायक साबित होता है।

भारत की वर्तमान राजनीति में जिस प्रकार द्वेस्ता फैली है वो राजनीतिक सिद्धांतो व मूल्यों के लिए नुकसानदायक है। आज के इस दौर में जिस प्रकार राजनीति जाति-धर्म आधार पर विभाजित हो रही है, राजनीति में बढ़ती संप्रदायकता हमें हमारे राजनीतिक उद्देश्यों से भटकाने का काम करती हैं। जो हमारे देश की उन्नति में बाधक बन गई हैं।

जिस प्रकार आजकल संसद किसी सदन में या किसी राज्य की विधानसभा सदन जिस प्रकार विपक्ष की आवाज की माइक बंद करके व उन्हें सदन से बाहर करके दबाया जाता है या सड़कों पर आंदोलनकारियों को पुलिस बल के माध्यम से कुचलने काम अगर शासन द्वारा किया जाता है तो वो भी एक तरह से लोकतंत्र की हत्या होती है।

लोकतंत्र हमें यह अधिकार देता है की हम देश का शासक अपने मतदान के माध्यम से किसी को चुनते हैं तो उससे सवाल भी करें। हमें यह अधिकार है की हम अगर शासन का कोई कार्य अनुचित लगता है तो हम उसका विरोध करें। विरोध में आंदोलन करना, बहिष्कार करना आदि अधिकार हमें देश के संविधान से प्राप्त है। वर्तमान समय में जिस प्रकार देश में राजनैतिक अपराधीकरण हो रहा है हमें उससे भी बचने की आवश्यकता है।

हमें अपने मतदान को हमारे देश के विकास, हमारे रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, मूलभूत सुविधाओं के पक्ष में देना चाहिए। हमारा कर्तव्य है की हम लोकतंत्र के मूल उद्देश्यो को जिंदा रखे। जिस प्रकार राजनीति में अपराधीकरण, संप्रदायकता फैलाकर राजनीतिक मूल्यों को खत्म करने की प्रक्रिया चल रही है तो वो दिन दूर नहीं है जब देश का शासक निरंकुश हो जाएगा।

इसलिए अपने मतदान के अधिकार पर किसी का कब्जा नहीं होना चाहिए। यह अधिकार हमारे ही हमारे भविष्य व वर्तमान को तय करता है। यही हमारे देश की उन्नति और विकास को तय करता है।




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