न काटो हमें ( मौन पुकार)
आज फिर कुछ पेड़ कटने लगे
मौत से पहले मौत के घाट उतरने लगे
चीख चीख कर पुकार कर रहे थे
हमें नहीं काटो , हमें नहीं काटो
हम तुम्हारे ख्वाबों के सौंदर्य को और भी निखार देंगे
हमें भी अपने आशियाना का हिस्सा बना लो
पर किसी के कानों तक उनकी आवाज़ नहीं पहुँची
देखते ही देखते सब पेड़ किसी के सपनों की बलि चढ़ गए
खुदगर्ज़ हम !!
हर मुद्दे पर आवाज़ उठाते हैं
पर अपने ही जीवनदाता का जीवन लेते हुए एक पल भी नहीं सोचते ..
वंदना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




