कविता : दुनिया क्यों बनाई....?
अगर भगवान सभी को
देखता है तो
हम सभी का किस्मत भी
वही लिखता है तो
आज छोटी छोटी बच्चियां
बलात्कृत होती हैं
वे बेचारी कहरा कर
सुबक सुबक रोती हैं
भगवान को उनकी किस्मत
लिखने में थोड़ी सी भी शर्म न आई ?
जरा सोचो तो सही ऐसी....
दरिंदगी किस लिए अपनाई ?
जरा सोचो तो सही ऐसी....
दरिंदगी किस लिए अपनाई.......?