मेरी माँ
छोड़ती नहीं कभी साथ मेरा,
मांगती एक रोटी वो पूरी थाल दे देती।
मेरी हर गलती माफ़ कर,
बहलाया और सहलाया मुझे,
खुद कष्ट सहकर एक,
अच्छा इंसान बनाया मुझे।
दूर है मुझसे तो क्या हुआ,
जो परछाई की तरह साथ चली मेरे
कोई और नहीं माँ है मेरी।।
- सुप्रिया साहू