देश सबका पेट भरता है
जो इस पर दिल छिडकता है
या जो इस के लिए जान देता है
देश किसका रखता है
देश की सेवा का दावा जो भरता है
देश उसकी भी तो सेवा करता है
कौन कर्ज़ में डूबते देश की खातिर
छिपा कर मुहं आशिक सा रोता है
ये लश्कर, ये काफिला गाड़ियों का
आगे पीछे जो तेरे चलता है
देश खुद को बेच कर सब जुटाता है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




