युद्ध संस्कृति ज्ञान संस्कार कहां नहीं अव्वल थे हम,
युद्ध संस्कृति ज्ञान संस्कार कहां नहीं अव्वल थे हम,
....हमसे दुनिया चलती थी,
दुनिया से नहीं चलते थे हम,
दुनिया से नहीं चलते थे हम,
1000 सालो के संघर्षों ने कुछ इस कदर घात दी है,
....फिर भी आज सभ्यता में दुनिया से अव्वल है हम
....दुनिया से अव्वल है हम
सर्वाधिकार अधीन है