मैंने देखा है उसे लड़ते हुए
अपने अस्तित्व के लिए
संघर्स करते हुए
उसकी ही सुन्दरता को
उसका दुश्मन होते हुए
मैंने देखा है उसे लड़ते हुए
अपनों की बंदिशे जो उस
पर थोप दी जाती है,
उसका अस्तित्व मिटाने के लिए
कुछ साजिसे उसे चार दिवारी
में कैद रखने के लिए,
मैंने देखा है उसे लड़ते हुए
अपने पैरों पर खड़ा रहने
के लिए संघर्स करते हुए
कुछ नज़रें तीर से पैनी
उसके ह्रदय की चीरते हुए
मैंने देखा है उसे लड़ते हुए
सहकर्मियों की नज़रो से
अधिकारीयों की नज़रों से
बचते हुए
उसकी लड़ाई मानो
बिना तलवार लक्ष्मी बाई
बिना ढाल, लक्ष्मी बाई
बिना सिपाही मैदान में
घिरे हुए अपने ही लोगों से
मैंने देखा है उसे लड़ते हुए
रानी झाँसी की तरह न
डरते हुए न थकते हुए
अपने अस्तित्व को
बचाय रखने ले लिए
मैंने देखा है उसे लड़ते हुए