राजेश सात साल का लड़का है । उसे पेड़ बहुत ही पसंद है, जब वह पाठशाला जाते समय रास्ते में एक बड़ा पेड़ को देखते ही रह जाते । बहुत खुशी से पेड़ को गले लग जाते । पाठशाला में दशहरा के लिए छुट्टी दिया है । राजेश अपने मित्र पेड़ से कुछ दिन दूर होना पड़ा। छुट्टी समाप्त हो गये ।
राजेश बहुत उत्सुक है कि अपने मित्र से मिलने की तेज से जा रहा है । पर जिसके लिए अब तक वह उत्सुक रहे वो वहाँ नहीं है । क्योंकि पेड़ को किसी ने काट दिया है । यह सब देखकर राजेश बहुत दुःख हुए । राजेश अपने मित्र पेड़ के पास ही बैठकर जार - जार हो गया । अचानक एक आवाज आई वह आवाज सुनकर राजेश बहुत डर गया । क्योंकि वहाँ उसके बिना कोई नहीं । राजेश कौन-कौन है बोलता रहा, पेड़ में जवाब दिया मैं तेरा दोस्त हूँ । राजेश थोड़ी देर चकित हो गए ।
राजेश बोला यह तेरे हालात ऐसे क्यों है ?
सवाल पर सवाल पूछता रहा । पेड़ ने बोला लोग अपने-अपने सुविधा के लिए मुझे बलिदान दे रहे हैं । पर मेरा आक्रंदन किसको चाहिए ? राजेश पेड़ से पूछा तुम कब आओगे मेरे पास ? पेड़ जल्द ही आने को कहा । राजेश संदेह से पूछा तुम सब कुछ खो बैठे हो फिर कैसे ? उसके बदले पेड़ ने "जो दिखते वो छीन सकते पर जो नहीं दिख सकते वह मेरे जड़ है, मेरे मजबूत सिर्फ जड़ों में ही है " ।
जितनी बार मेरे मौत होने पर भी बार-बार जन्म लेता हूँ ऐसे कह दिया । परेशान मत हो, तेरा मित्र जल्द ही पनपने वाले हैं । राजेश ने पेड़ से कहा कि यह तुम्हारे लिए एक वरदान है । पेड़ सुनकर ऐसे बोला, सिर्फ मुझे नहीं हर इंसान में अपने मजबूत छिपे रहते हैं वह जानकर कोई भी अपने कार्य में आगे बढ़ सकते हैं ।
The end