Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

अपनी चाबी अपने पास रखो हमेशा

कहते हैं ना —
प्यार में दिल दे देना चाहिए,
तो हमने भी दे दिया…
पर गलती से साथ में चाबी भी दे दी!

और जनाब!
वो चाबी थी —
हमारे मूड की,
हमारे सुकून की,
यहाँ तक कि हमारी नींद की भी।

वो हँसे — हम हँसे,
वो चुप — हम चुप,
वो गए online —
हमने अपनी साँस रोक ली!

अब बोलो,
ये प्यार था या रिमोट कंट्रोल वाला रिश्ता?

जब भी उनकी मर्ज़ी हुई —
emotion on!
जब मन भर गया —
block और silence mode on!

और हम?
बैठे रहे,
अपनी ही भावनाओं के दरवाज़े पर…
उस चाबी के लौटने की उम्मीद में।

तो अब सुनो —
चाबी अब खुद के पास रखो!
ना कोई दरवाज़ा खुलवाने की ज़रूरत,
ना कोई ताला किसी और के इशारे पर खुलवाना।

क्योंकि भैया —
जब अपने मन का ताला कोई और खोलने लगे,
तो आत्मा किराए के मकान में बदल जाती है।

अब तो उस चाबी से खोलनी है —
स्वाभिमान की तिज़ोरी!
जिसमें ना कोई validation चाहिए,
ना ही किसी की seen-reply की ज़रूरत।

अब जो भी आए —
कह दो —
“स्वागत है… पर ताले की चाबी अब मेरे पास है।”




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

Vineet Garg said

कहते हैं ना — प्यार में दिल दे देना चाहिए, तो हमने भी दे दिया… पर गलती से साथ में चाबी भी दे दी! Bahut shandar abhivyakti

उपदेश कुमार शाक्यावार said

वाह...बहुत खूब

Vadigi.aruna said

बहुत सुंदर रचना

कमलकांत घिरी said

Waah lajawab mam bahut khubsurat bhav se apni rachna prastut ki bahut khoob 👌🙌👏🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन