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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

अपनी तलाश में हूं


बिन पत्तियों का खिला हुआ मैं वो पलाश हूं,
तुझे मेरी तलाश है पर मैं अपनी तलाश में हूँ l

रंग बदलती दुनिया है नित बदलती लिबास है ,
तू भेस है बदलता पर मैं खुद के लिबास में हूं l

मौसम में तपिश सी है और खुश्क भी हैं होंठ,
तू देखता है सागर पर मैं नदी की तलाश में हूं l

देख, अब चल पड़े हैं रस्ते , हर मोड़, हर गली,
तू रुका हुआ है उस पर मैं अपनी निकास में हूं l

कभी तो कांच, कभी हीरा लगा वो नग उसे,
तू दूर हो के बैठा पर मैं उसकी उजास में हूं l

सब कह रहे कहानियां कुछ झूठ कुछ फरेब,
तू खो गया है उनमें पर मैं होशो हवास में हूं l

लब सी लिए हैं उसने मगर आंखों में अश्क है,
तू गुमसुम सा है मगर मैं तूफ़ाँ की तलाश में हूं l

मौसम बदला बदला है आकाश में छाए बादल हैं,
झूठा मौसम तू कहता मैं सूरज के आभास में हूं l




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

डॉ कृतिका सिंह said

Bahut khoob lazwaab sundar krati

विजय प्रकाश श्रीवास्तव replied

रचना पर आप की सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद.🙏

Bhushan Saahu said

Bahut sundar prastuti..

विजय प्रकाश श्रीवास्तव replied

धन्यवाद महोदय.🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Uttam bahut auttam mahoday..pranam sweekar karein itni sundar rachna se abhibhut karne ke liye

विजय प्रकाश श्रीवास्तव replied

श्री अशोक कुमार जी का हृदय से आभार -रचना पसंद करने एवं अपनी सुन्दर प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए.🙏

Ankush Gupta said

Uttam bahut khoob sundar rachna shresth kaha aapne "सब कह रहे कहानियां कुछ झूठ कुछ फरेब, तू खो गया है उनमें पर मैं होशो हवास में हूं"

विजय प्रकाश श्रीवास्तव replied

Shri Ankush Gupta ji, aap ki pratikriya ka hriday se aabhar. Meri rachna aap ke dil ko chhui, mera shram sarthak.🙏

वन्दना सूद said

बहुत सुन्दर लेखन 👏👏हर पंक्ति दिल को छूती है 🙌🏻🙌🏻great

विजय प्रकाश श्रीवास्तव replied

नमस्कार वंदना सूद जी. रचना " अपनी तलाश में हूं " पर आप की पारखी नजर पडी, हम आप के आभारी हैं. भविष्य में भी आप इसी तरह मेरा उत्साह वर्धन करती रहेंगी. 🙏

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