सब इल्जाम यहां पर तेरे ही सर आएंगे दास
गम भी भेष बदलकर तेरे ही घर आएंगे दास
बेशक मेहनत कर लेना चाहे जितनी लेकिन
किस्मत के सब चांटे मुँह पर पड़ जायेंगे दास
प्यार मुहब्बत रिश्ते नाते आदर और विरासत
तुझको खुद से ये जादा महंगे पड़ जाएंगे दास
कहना कुछ है आज किसी को जोखिम भारी
जरा चूक होने पे लेने के देने पड़ जायेंगे दास
काम नहीं रुकता दुनियां का तेरे ना होने पर
घड़ियाली अश्कों से चेहरे बिगड़ जायेंगे दास
खींचके छोटी लकीर जिन्दगी में इतराता क्यूँ
वक्त की आँखों के काजल मिट जायेंगे दास