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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

गजल - आहिस्ता-आहिस्ता

कापीराइट गजल

गजल - आहिस्ता – आहिस्ता

अपनी सांसें सिमट रही हैं आहिस्ता-आहिस्ता
यह, जिन्दगी गुजर रही है आहिस्ता- आहिस्ता

आ जाओ, तुम कहाँ हो अय मेरे हम सफर
अब यह लम्हें गुजर रहे हैं आहिस्ता–आहिस्ता

अपनी ये जिन्दगी है अब इन लहरों की तरह
क्यूं ये लहरें सिमट रही हैं आहिस्ता-आहिस्ता

तुम्हें देना चाहते हैं हम, अपनी ये हर खुशी
न गुजर जाए ये जिन्दगी आहिस्ता–आहिस्ता

ये हवाएं ये घटनाएं और ये मौसम ये जवानी
यह जा रहे हैं खिसक कर आहिस्ता-आहिस्ता

बेवजह ही शक करने की आदत नहीं मेरी
क्यूं ये दूरियां बढ़ रही हैं आहिस्ता-आहिस्ता

अब क्या होगा हमारा जो तुम आए ना यादव
मगर खो रहा है ये यकीन आहिस्ता-आहिस्ता

-     लेखराम यादव
( मौलिक  रचना )


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सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

कमलकांत घिरी said

बहुत बेहतरीन गज़ल पेश किए सर जी, उम्दा 👌👏 आपको सादर प्रणाम🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद कमलकांत भाई आपको सादर नमस्कार। जरा व्हाटस एप खोल कर मैसेज पढ़ने की कृपा करें।

वन्दना सूद said

बेहद खूबसूरत रचना 👌👌

Lekhram Yadav replied

आदरणीय वन्दना जी, आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं आभार, आपको सादर नमस्कार।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Hamesha Ki Tarah Bahut hi Umda Ghazal Yadav Sir Ji, Bahut hi Sarahneey Rachna, Saadar Pranam Sweekar Karein 🙏🙏, Asha Karta hu Adarneey Kushal Mangal Honge.

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात सहित सादर नमस्कार आदरणीय अशोक कुमार पचौरी आर्द्र जी, आप का बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद, यहां सब कुशल मंगल है आशा है आप भी सपरिवार स्वस्थ होंगे।

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