Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

नमन है उस धरती को

नमन है उस धरती को
जिस पर गंगा बहती है
संग मिल यमुना और
शारदा संगम निर्माण
करतीं हैं
हिमालय है प्रहरी जिसका
सागर नित चरण पखारे है
नदियों का लहराता आंचल
शस्य श्यामला पावन है
नमन है उस धरती को
जिस पर गंगा बहती है
ऋषि मुनियों की तपस्थली
आत्मा वेद स्वरुपा है
जहां तपकर प्रहलाद ने
पाया प्रभु अंकाधिकार है
नमन है उस धरती को
जिस स्वयं प्रभु पधारे हैं
लेकर मनुज अवतार
दानव दनुज संहारे है
वेदों में विराजित जिसकी
आत्मा संस्कारो की जननी है
नमन है उस धरती को
जिस पर गंगा बहती है
जहां अर्जुन को कर्तव्य
पाठ पढ़ाने स्वयं केशव
गीता रच सुनाते हैं
नमन है उस धरती को
जिस पर गंगा बहती है
संग मिल यमुना और
शारदा संगम निर्माण
करतीं हैं

✍️ #अर्पिता पांडेय




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Lekhram Yadav said

धन्यवाद अर्पिता जी आपने इस धरती को समर्पण और संस्कारों के रूप में परिभाषित करके एक नया उदाहरण पेश किया है। बहुत सुंदर।

अर्पिता पांडेय replied

आपने मेरी कविता को इतना महत्त्व दिया सादर प्रणाम

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Yadav Sir ne jo sameeksha di hai usase jyada sundar sameeksha is rachna k liye ho nahi sakti, pranam h aapko bhi mam aur Yadav sir ko bhi jo ek rachna ke arth ko wastvik aur yogya sameeksha se nawaza hai. Pranam 🙏🙏

अर्पिता पांडेय replied

कोटि-कोटि धन्यवाद आपका सर जी 💧🙏🙏

Shyam Kumar said

Itna sundar vivaran sirf ek kaviyatri hi kr skti hain. Bahut hi umda rachna.

अर्पिता पांडेय replied

आपकी सुंदरतम प्रतिक्रिया हेतु धन्यवाद 🙏🙏

फ़िज़ा said

Bahut sundar lazwaab 👏👏

अर्पिता पांडेय replied

शुक्रिया फिजा जी

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

अर्पिता जी, बहुत सुंदर रचना!

अर्पिता पांडेय replied

Thank you so much sir ji sadar naman

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन