नमन है उस धरती को
जिस पर गंगा बहती है
संग मिल यमुना और
शारदा संगम निर्माण
करतीं हैं
हिमालय है प्रहरी जिसका
सागर नित चरण पखारे है
नदियों का लहराता आंचल
शस्य श्यामला पावन है
नमन है उस धरती को
जिस पर गंगा बहती है
ऋषि मुनियों की तपस्थली
आत्मा वेद स्वरुपा है
जहां तपकर प्रहलाद ने
पाया प्रभु अंकाधिकार है
नमन है उस धरती को
जिस स्वयं प्रभु पधारे हैं
लेकर मनुज अवतार
दानव दनुज संहारे है
वेदों में विराजित जिसकी
आत्मा संस्कारो की जननी है
नमन है उस धरती को
जिस पर गंगा बहती है
जहां अर्जुन को कर्तव्य
पाठ पढ़ाने स्वयं केशव
गीता रच सुनाते हैं
नमन है उस धरती को
जिस पर गंगा बहती है
संग मिल यमुना और
शारदा संगम निर्माण
करतीं हैं
✍️ #अर्पिता पांडेय

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




