सुकून बढ़ाने वाले हँसने हँसाने में मगन।
हर दम बदलता जाए जिन्दगी का चमन।।
कल शाम गुजारी देर तक ध्यान में उसके।
बिजली गई नही परिक्रमा करता रहा मन।।
आरामपरस्त हो गया बिस्तर पर जिन्दगी।
अपनी तरफ यूँ खींच रहा यादो का अमन।।
हमारी तलाश करने वाले कुछ लोग यहाँ।
गुफ़्तगू करना चाहते मलाल करके दमन।।
जुनून में लिखते रहना जिसको आ गया।
पढ़ने वालों को चिनगारी ने किया समन।।
सर्कस-नुमा जहान में जोकर सी जिन्दगी।
रेत गीली करके 'उपदेश' लहर हुई दफ़न।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




