आंख का पानी अगर मर जायेगा यारों
जिंदगी में हर ज़हर भर जाएगा यारों।
मुश्किलों पे ध्यान देंगे गर सफर में हम
मंजिलों का फासला बढ़ जाएगा यारों।
हारता है जंग में ख़ुद से अक्सर आदमी
ख़ुद ही उठता है ख़ुद गिर जायेगा यारों।
अब है चेहरा अजनबी सा मेरा दर्पण में
क्या पता था वक्त यूं छल जाएगा यारों।
आंधिया गुल चराग चाहे जितने भी करे
इक बुझेगा तो दूजा जल जायेगा यारों।