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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

एक सुबहा की शाम हुई

कापीराइट गजल

जब, यह दुर्घटना सरे आम हुई, हर सांस को यारो थाम गई
एक, पल में टूटी सांसें कितनी, हर एक सुबहा की शाम हुई


वो खुश थे बिछङ कर अपनों से दिल में एक अरमान लिए
मिल गए खाक में ख्वाब कई, एक पल में खुशी तमाम हुई

कितनी आशाएं थी मन में और कितने ही ख्वाब सजाए थे
किसको मालूम था क्या होगा, हर एक की खुशी तमाम हुई

उम्मीद बसी थी उनकी आंखों में अपनों के संग मिलने की
दम तोङ गई उम्मीद सभी की जब मौत सभी के नाम हुई

यह देख के सब परेशान हुए, जब गुजरा ये मंजर आंखों से
यूं आंख से छलक उठे आंसू हर शख्स की खुशी तमाम हुई

कितनों ने खोया अपनों को और कितनों ने दर्द सहा दिल में
बचा न कुछ कहने सुनने को जब उन पर गम की शाम हुई

लब पे छाई थी खामोशी और ये आंखें भी कुछ नम सी थी
यह देख कर ही हैरान थे सब क्यूं ऐसी घटना सरे आम हुई

हर जाने वाले को नमन है अपना फिर से न घटे मंजर ऐसा
ईश्वर उन सब को शक्ति दे मुश्किल जिन-जिन के नाम हुई

एक छोटी सी भूल ने क्यूं जीवन इतने संकट में डाल दिए
कोई कुछ न कर पाया यादव तर गम से ये अपनी शाम हुई

--- लेखराम यादव
- ( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

श्रेयसी said

हर जाने वाले को नमन है अपना..... बहुत ख़ूब कहा आपने हमलोग सिर्फ़ श्रद्धांजलि हीं दे सकते हैं मेरी तरफ से भी नमन है उन सभी को जो काल-कवलित हो गए 🙏🙏
बहुत दिनों बाद आपकी रचना पढ़ने को मिली सुप्रभात सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद मेरी प्यारी बहना आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

इस हादसे का दर्द आपने शब्दों में इस तरह बसा दिया कि पढ़ते-पढ़ते दिल भी भीग गया… बेहद संवेदनशील और असरदार लेखन! 🙌✨ आदरणीय यादव सर जी को कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏 - आपकी आने वाली पुस्तक के लिए Apaar प्रार्थनाएं एवं शुभकामनाएं

Lekhram Yadav replied

आदरणीय अशोक कुमार पचौरी आर्द्र जी आपका बहुत-बहुत हार्दिक स्वागत एवं धन्यवाद, आपको सादर नमस्कार

सुभाष कुमार यादव said

बेहद मार्मिक रचना। 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक शुक्रिया सुभाष जी, आपको सादर नमस्कार

Ankush Gupta said

आपने उस अकस्मात दुर्घटना को बहुत सजीवता के साथ चित्रित किया है, जिसमे मार्मिक पंक्तियों के माध्यम से जिन पर जो बीती और हम आप सब पर जो बीती सब कुछ समाहित कर दिया है अद्भुत लेखन

Lekhram Yadav replied

So many thanks gupta ji.

शिवचरण दास said

बहुत मार्मिक चित्रण. .एक आखिरी सुबह की शाम

Lekhram Yadav replied

बहुत बहुत शुक्रिया सर जी।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

आदरणीय श्रद्धेय यादव सर जी से विनम्र निवेदन है, कि https://www.likhantu.com/hashtagzindagi.html, अपनी कम से कम 1 अधिकतम 5 स्वरचित रचना मेरी पुस्तक हैशटैग ज़िन्दगी के लिए प्रदान करने की कृपा करें इसके बारे में अत्यधिक जानकारी के लिए आप व्हाट्सप्प +919667994337, या ईमेल likhantuofficial@gmail.com, पर संपर्क कर सकते हैं, आपकी रचना का मुझे इंतज़ार रहेगा, रचना भेजने की अंतिम तिथि ३० जून २०२५ है

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सर।

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आदरणीय लेखराम जी,सादर नमस्कार।हाल ही में हुई विमान दुर्घटना के लिए इतनी मार्मिक ग़ज़ल आपने लिखी, पढ़कर गला रूंध गया सर जी। एक एक पंक्ति ने मन को भिगो दिया। छोटी सी भूल ने किसी को कुछ करने का मौका ही नहीं दिया, कितनों की दुनिया बसने से पहले उजड़ गई।🙏🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सर।

शिल्पी चड्ढा said

बहुत ही मार्मिक अभिव्यक्ति दिल को छू गई |बहुत सुंदर

Lekhram Yadav replied

So many thanks Shilpi ji.

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