न हिंसा से कोई राह बनी है,
न क्रोध से जीवन चाह बनी है।
जिसने शांति का दीप जलाया,
उसने ही जग को सत्य सिखाया।
गांधी के पदचिन्हों पर चलकर,
दुनिया ने छोड़ा युद्ध का डर।
बिना शस्त्र के जिसने जीता,
वो वीर अहिंसा का पुनीता।
अहिंसा कोई कमजोरी नहीं है,
ये तो आत्मा की गंभीर सच्चाई है।
जो सह जाए, वो महान है,
जो क्षमा कर दे, भगवान है।
बातों से दिल को जीता जाए,
नफ़रत को प्यार से हराया जाए।
अहिंसा जीवन का मार्ग बने,
हर मन में प्रेम का दीप जले।
हृदय में हो दया, करुणा का भाव,
यही है मानवता का सच्चा प्रभाव।
डॉ बीएल सैनी
श्रीमाधोपुर सीकर राजस्थान