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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मोहब्बत की दूकान में मुशायरा भाग-4

इधर उधर से

हरिया - आजकल लोग नशा इस तरह खा रहे हैं जैसे आइसक्रीम खा रहे हों।
दरिया - हां भाई जी यह सच है कि देश में नशा पान और शराब का सेवन निरन्तर बढ़ रहे हैं। नशा पान या शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है फिर भी न जाने क्यों ऐसा कर रहे हैं।
हरिया - मैंने सुना है कि लिखन्तु डाॅट काम पर विजीट करने वाले लेखक, लेखिका, कवि, कवियित्रियां और शायर भी यहां नशा करके ही आते हैं।
दरिया - हां भाई जी यह बात मैंने भी महसूस की है, यहां हर कोई अपने-अपने नशे में धुत्त रहते हैं।
हरिया - ये लोग किस चीज के नशे में रहते हैं
दरिया - भाई जी मैंने कल ही वेदव्यास मिश्र को शराब के साथ गजल पीते हुए देखा है, अशोक कुमार पचौरी आर्द्र का नाम जितना बड़ा है वो उतने ही बड़े नशे में रहते हैं, उन्हें इस बात का नशा है कि वो हर विधा में माहिर हैं, मगर ये लिखन्तु संचालक मंडल उन्हें पुरस्कार रूपी घास नहीं डाल रहे हैं। ताज मोहम्मद के कहने। ही क्या,वो तो शेर ओ शायरी और गजल के नशे की पिनक में ही सोते जागते हैं, जब कभी नशा हल्का हो जाता है तो अंग्रेजी में कविताई करना शुरू कर देते हैं, मगर नशा इस कदर हावी है कि कभी होश में नहीं आते। कमलकांत घिरी कभी-कभार पार्टियों में जब मुफ्त की मिल जाए तो चोरी से एक आध पैग मार लेते हैं मगर यह भी ध्यान रखते हैं कि कोई देख न ले। वो सनक अवार्ड आशिक लेखराम यादव तो अपनी गजलों और गीतों के नशे में बिन पीए ही टल्ली रहता है, उसे इनका नशा इतना अधिक हो जाता है कि हरिया और दरिया की पार्टी के आफर को भी ठुकरा देता है। सुजीत आनन्द और धर्म नाथ चौबे मधुकर, डाॅ. फौजिया तो अपनी कविताई के नशे में इस कदर डूबे हुए हैं जैसे सभी पाठकगण कविताई की बाढ़ में डूबे हों ये अपनी कवितायें लिखन्तु डाॅट काॅम पर इस तरह फेंक रहे हैं जैसे वे मतलब (उल्टियां) कर रहे हों। रीना कुमारी प्रजापत आजकल अपने प्यार के विरह के नशे में डूबी हुई हैं। अर्पिता पांडे जी अपन एटीट्यूड के नशे में कविताई कर रही हैं। कुछ लोग अपने अहम में डूबे हुए हैं। अब आप ही बताइए कि कौन नशे में नहीं है। इन्हें तो नशा करना भी नहीं आता।
हरिया - वाकई स्थिति बहुत गंभीर है। अरे हम अपने पाठकों को मोहब्बत के दर्द की दवा तो देना भूल ही गए।
दरिया - लीजिए दवा की एक डोज मुक्तक के रूप में हाजिर है-

बोतल खोलने से पहले हिलाई जाती है
फिर पीने वालों की महफिल सजाई जाती है
यहां पर आ जाओ सभी अय टूटे दिल वालो
यहां पर दर्दे दिल की दवा पिलाई जाती है

शेष अगले भाग में .......


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

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रीना कुमारी प्रजापत said

Aaye haaye kya baat hai, chha gaye bade bhaiyya aap to

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात मेरी प्यारी बहना। लेकिन हमें तो आपकी कविताओं की रौशनी दूर तक फैली हुई नजर आ रही है, और हम उसी रौशनी में नहा कर अपनी मोहब्बत की दुकान चमकाने की कोशिश कर रहे हैं। इतनी प्यारी प्रतिक्रिया के लिए अपनी पयारी छोटी बहना का बहुत बहुत धन्यवाद।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut khoob pahchana hariya aur dariya ji ne yadav sir, sach kaha likhantu sanchalak mandal se itni sari alag alag vidhaon m likhi gayi rachnaon evam aalekh ke liye kam se kam ek chota mota purushkar to milna chahiye lekin sabar kiye ja rahe hain aur sabar ke chakkar m mohabaat ke dard ki dawa piye ja rahe hain..Kant sir ka achha tha...asha karta hu unko bura na Lage na meri taraf se na hariya ji aur dariya ji ki taraf se... Sundar bahut khoob Yadav sir

Lekhram Yadav replied

सर धन्यवाद सहित नमस्कार। आपकी प्रतिक्रिया बहुत ही तारीफ के काबिल है।आपको चौथा भाग अच्छा लगा मुझे खुशी हुई। आपको सादर प्रणाम।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut hasaya sriman pranam 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित दोनों हाथों से प्रणाम सर।

रीना कुमारी प्रजापत said

Zarur chamkaiye hamari kavitaon ki roshni se apni mohabbat ki dukaan..

Lekhram Yadav replied

Thanks a lot my dear younger sister.

कमलकांत घिरी said

अरे वाह क्या खूब लिखा सर जी मजा आ गया पढ़कर, लेकिन आपने तो हमें मुफ्तख़ोर बना दिया, खैर कोई बात नहीं मजा तो इसमें भी है😄हम आपकी कविता का हिस्सा बने यही हमारे लिए बड़ी सौभाग्य की बात है, बहुत शानदार प्रस्तुति है सर जी लाज़वाब 👏👏👏🙌🙏।।आभार सहित प्रणाम स्वीकार करें।।🙏

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