इधर उधर से
हरिया - आजकल लोग नशा इस तरह खा रहे हैं जैसे आइसक्रीम खा रहे हों।
दरिया - हां भाई जी यह सच है कि देश में नशा पान और शराब का सेवन निरन्तर बढ़ रहे हैं। नशा पान या शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है फिर भी न जाने क्यों ऐसा कर रहे हैं।
हरिया - मैंने सुना है कि लिखन्तु डाॅट काम पर विजीट करने वाले लेखक, लेखिका, कवि, कवियित्रियां और शायर भी यहां नशा करके ही आते हैं।
दरिया - हां भाई जी यह बात मैंने भी महसूस की है, यहां हर कोई अपने-अपने नशे में धुत्त रहते हैं।
हरिया - ये लोग किस चीज के नशे में रहते हैं
दरिया - भाई जी मैंने कल ही वेदव्यास मिश्र को शराब के साथ गजल पीते हुए देखा है, अशोक कुमार पचौरी आर्द्र का नाम जितना बड़ा है वो उतने ही बड़े नशे में रहते हैं, उन्हें इस बात का नशा है कि वो हर विधा में माहिर हैं, मगर ये लिखन्तु संचालक मंडल उन्हें पुरस्कार रूपी घास नहीं डाल रहे हैं। ताज मोहम्मद के कहने। ही क्या,वो तो शेर ओ शायरी और गजल के नशे की पिनक में ही सोते जागते हैं, जब कभी नशा हल्का हो जाता है तो अंग्रेजी में कविताई करना शुरू कर देते हैं, मगर नशा इस कदर हावी है कि कभी होश में नहीं आते। कमलकांत घिरी कभी-कभार पार्टियों में जब मुफ्त की मिल जाए तो चोरी से एक आध पैग मार लेते हैं मगर यह भी ध्यान रखते हैं कि कोई देख न ले। वो सनक अवार्ड आशिक लेखराम यादव तो अपनी गजलों और गीतों के नशे में बिन पीए ही टल्ली रहता है, उसे इनका नशा इतना अधिक हो जाता है कि हरिया और दरिया की पार्टी के आफर को भी ठुकरा देता है। सुजीत आनन्द और धर्म नाथ चौबे मधुकर, डाॅ. फौजिया तो अपनी कविताई के नशे में इस कदर डूबे हुए हैं जैसे सभी पाठकगण कविताई की बाढ़ में डूबे हों ये अपनी कवितायें लिखन्तु डाॅट काॅम पर इस तरह फेंक रहे हैं जैसे वे मतलब (उल्टियां) कर रहे हों। रीना कुमारी प्रजापत आजकल अपने प्यार के विरह के नशे में डूबी हुई हैं। अर्पिता पांडे जी अपन एटीट्यूड के नशे में कविताई कर रही हैं। कुछ लोग अपने अहम में डूबे हुए हैं। अब आप ही बताइए कि कौन नशे में नहीं है। इन्हें तो नशा करना भी नहीं आता।
हरिया - वाकई स्थिति बहुत गंभीर है। अरे हम अपने पाठकों को मोहब्बत के दर्द की दवा तो देना भूल ही गए।
दरिया - लीजिए दवा की एक डोज मुक्तक के रूप में हाजिर है-
बोतल खोलने से पहले हिलाई जाती है
फिर पीने वालों की महफिल सजाई जाती है
यहां पर आ जाओ सभी अय टूटे दिल वालो
यहां पर दर्दे दिल की दवा पिलाई जाती है
शेष अगले भाग में .......
सर्वाधिकार अधीन है


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







