विकास हो रहा सड़क बनाकर,
गाँव पहुँचना आसान हुआ है।
फुर्सत में अब कोई न दिखता,
जन मनुष्य बुद्धिमान हुआ है।
गाँव पहुँच कर चाय मिल जाए,
चाय मिलने से आराम हुआ है।
जब से मोबाइल गाँव में आया,
मोबाइल चलाना काम हुआ है।
गाय भैंस रोजगार का साधन,
दूध दही का व्यापार हुआ है।
उजडे सब बाग-बगीचे 'उपदेश',
तालाब का सत्यानाश हुआ है।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद