कल उनसे हमारी कई दिनों बाद कुछ बात हुई,
कल उनसे हमारी कई दिनों बाद कुछ बात हुई,
शुरुआत पहले हमसे ही हुई।
हमने इक़तिजा रखी उनके आगे,मिलने की हमसे,
हमने इक़तिजा रखी उनके आगे, मिलने की हमसे,
आपकी याद बड़ी सताती है,
कभी आ भी जाओ मिलने हमसे।
उन्होंने इक़तिजा हमारी क़ुबूल की,
हमसे मिलने की बात उन्होंने भी हमसे की।(2)
वादा हमने मांगा उनसे,
वादा हमने मांगा उनसे,
'वो बोले' कोशिशें कामयाब हो जाती हैं,
वादे तो जानेमन टूट जाते हैं।
कहा हमने उनसे, ठीक है,
कोशिशें ही कर लीजिए कामयाब हो जायेंगे(2)
पर मेरे महबूब वादे तेरे सच्चे हो, वादे तेरे दिल से किए हो
तो तोड़े से भी नहीं टूटेंगे।
फिर आखिरी में हमने उनसे कहा बस इतना,
फिर आखिरी में हमने उनसे कहा बस इतना,
प्राण जाये पर वचन ना जाये।
सुन ये, मेरे महबूब ,
होठों पर लिए नाम हमारा
खामोश हो गये कुछ पल
और हॅंसने लगे फिर जोर - जोर से।
"रीना कुमारी प्रजापत"