New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

मेरी और उनकी बात

कल उनसे हमारी कई दिनों बाद कुछ बात हुई,
कल उनसे हमारी कई दिनों बाद कुछ बात हुई,
शुरुआत पहले हमसे ही हुई।

हमने इक़तिजा रखी उनके आगे,मिलने की हमसे,
हमने इक़तिजा रखी उनके आगे, मिलने की हमसे,
आपकी याद बड़ी सताती है,
कभी आ भी जाओ मिलने हमसे।

उन्होंने इक़तिजा हमारी क़ुबूल की,
हमसे मिलने की बात उन्होंने भी हमसे की।(2)
वादा हमने मांगा उनसे,
वादा हमने मांगा उनसे,
'वो बोले' कोशिशें कामयाब हो जाती हैं,
वादे तो जानेमन टूट जाते हैं।

कहा हमने उनसे, ठीक है,
कोशिशें ही कर लीजिए कामयाब हो जायेंगे(2)
पर मेरे महबूब वादे तेरे सच्चे हो, वादे तेरे दिल से किए हो
तो तोड़े से भी नहीं टूटेंगे।

फिर आखिरी में हमने उनसे कहा बस इतना,
फिर आखिरी में हमने उनसे कहा बस इतना,
प्राण जाये पर वचन ना जाये।

सुन ये, मेरे महबूब ,
होठों पर लिए नाम हमारा
खामोश हो गये कुछ पल
और हॅंसने लगे फिर जोर - जोर से।

"रीना कुमारी प्रजापत"






समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Waah Aisa lag raha hai kavi sammelan me betha hua hun..

रीना कुमारी प्रजापत replied

इस कवि सम्मेलन में आने के लिए आपका बहुत बहुत आभार भय्या 🙏अपनी छोटी बहन का प्रणाम स्वीकार करें

Lekhram Yadav said

क्या प्रस्तुती है मन को भा गई।

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏thanks

ताज मोहम्मद said

वाह वाह मोहब्बत को दर्शाती बेहतरीन कलमकारी बहुत खूब।

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया भाईजान

Sanjay Srivastva said

वाह अद्भुत, शब्दों को खूबसूरती से पिरोया, लाजवाब👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji dhanyawad

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन