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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मेरी और उनकी बात

कल उनसे हमारी कई दिनों बाद कुछ बात हुई,
कल उनसे हमारी कई दिनों बाद कुछ बात हुई,
शुरुआत पहले हमसे ही हुई।

हमने इक़तिजा रखी उनके आगे,मिलने की हमसे,
हमने इक़तिजा रखी उनके आगे, मिलने की हमसे,
आपकी याद बड़ी सताती है,
कभी आ भी जाओ मिलने हमसे।

उन्होंने इक़तिजा हमारी क़ुबूल की,
हमसे मिलने की बात उन्होंने भी हमसे की।(2)
वादा हमने मांगा उनसे,
वादा हमने मांगा उनसे,
'वो बोले' कोशिशें कामयाब हो जाती हैं,
वादे तो जानेमन टूट जाते हैं।

कहा हमने उनसे, ठीक है,
कोशिशें ही कर लीजिए कामयाब हो जायेंगे(2)
पर मेरे महबूब वादे तेरे सच्चे हो, वादे तेरे दिल से किए हो
तो तोड़े से भी नहीं टूटेंगे।

फिर आखिरी में हमने उनसे कहा बस इतना,
फिर आखिरी में हमने उनसे कहा बस इतना,
प्राण जाये पर वचन ना जाये।

सुन ये, मेरे महबूब ,
होठों पर लिए नाम हमारा
खामोश हो गये कुछ पल
और हॅंसने लगे फिर जोर - जोर से।

"रीना कुमारी प्रजापत"






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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Waah Aisa lag raha hai kavi sammelan me betha hua hun..

रीना कुमारी प्रजापत replied

इस कवि सम्मेलन में आने के लिए आपका बहुत बहुत आभार भय्या 🙏अपनी छोटी बहन का प्रणाम स्वीकार करें

Lekhram Yadav said

क्या प्रस्तुती है मन को भा गई।

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏thanks

ताज मोहम्मद said

वाह वाह मोहब्बत को दर्शाती बेहतरीन कलमकारी बहुत खूब।

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया भाईजान

Sanjay Srivastva said

वाह अद्भुत, शब्दों को खूबसूरती से पिरोया, लाजवाब👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji dhanyawad

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