मैं फिर से आ गया हूँ,
महफ़िल में दोस्तो !!
मैं खोके आ गया हूँ,
बहुत कुछ दोस्तों !!
ढूंढ़ा बहोत मगर मुझे,
वो मिला ही नहीं !!
अंगुठी तो मिली मगर,
नगीना कहीं नहीं !!
शुक्रिया करने आ गया,
मैं फिर से दोस्तो !!
वो दोस्ताना बातचीत,
अब नहीं बिन तेरे !!
खाली है सारी मेहफिलें,
ऐ अशोक बिन तेरे !!
वो वाह-वाह अब नहीं,
मुकद्दर में दोस्तो !!
गीत वेदव्यास मिश्र के
दिल♥️ की कलम से..
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




