तेरे बिना तेरे बिना इक पल कहां जीना कहां जीना,
तेरे बिना तेरे बिना इक पल कहां जीना कहां जीना,
सोचूं मैं तो बारी-बारी तेरी यादें हैं कुंवारी,
मेरे दिल में आ उतरना,
मेरे दिल में आ उतरना,
ख्वाबों का सताया मैं तो, सपनों का रुलाया मैं तो,
मेरी बाहों में ना आना, ना आना
दिल का रोना और सताना,
तेरे बिना तेरे बिना एक पल कहां जीना कहां जीना,
तुमसे मिलना है पुराना,
इश्क़ करना है पुराना,
ये बातें हैं नया जमाना,
तेरे बिना तेरे बिना इक पल कहां जीना कहां जीना।।
- ललित दाधीच।।