आज हर घर में मेरे चर्चे हैं,
किसी के घर में अच्छे
तो किसी के घर में बुरे मेरे चर्चे हैं।
जो जैसे हैं,
उसके घर में वैसे मेरे चर्चे हैं ।
देखते हैं मुझे ऐसे
मानो पूरी दुनिया छोड़
नफ़रत इन्हें सिर्फ मुझसे हैं ,
दुश्मन बने बैठे हैं ये मेरे
जिनके घर में बुरे मेरे चर्चे हैं।
मुझे देखकर लोग मुंह बनाने लगे हैं,
जैसे मैंने इनकी दुनिया उजाड़ी हो।
आज हर घर में मेरे चर्चे हैं...........
आजकल लोगों को समझना
बहुत मुश्किल हो गया हैं,
कभी जो मुझे देखकर
मुस्कुरा जाया करते थे
आज वो मुझे देखकर
मुंह फेर लेते हैं।
कुछ लोग ऐसे भी हैं
जो हॅंसते हैं मुझपे,
पर मुझे हॅंसी आती है
उनकी हॅंसी पे
कि कितने नादान है
ये लोग जो मुझे नहीं समझे ।
आज हर घर में मेरे चर्चे हैं.................
----रीना कुमारी प्रजापत