कापीराइट गजल
वो मेरे अपने
वो मेरे अपने ना जाने कहां गए
वो, खुश रहें सदा, वो जहां गए
नजर आए नहीं मुझको वो कहीं
नहीं, है कोई खबर, वो कहां गए
मैं ढूंढ़ता उन्हें, अब यहां से वहां
नजर आए न कहीं वो कहां गए
लौट आएंगे नहीं यकीं दिल को
क्या कहें ना जाने, वो कहां गए
क्या, खबर है, बताओ तो सही
कुछ, बता दो हमें, वो कहां गए
वो क्या जानें, क्यूं परेशां हैं हम
पूछता, है ये दिल, वो कहां गए
वो तङपा रहे हैं, यादव क्यूं ऐसे
कोई तो बताए हमें वो कहां गए
लेखराम यादव
( मौलिक रचना)
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