तूने मुझे पुकारा, मैं भागा भागा आया
आकर फिर.... तुझे मिल नहीं पाया
मन गभराया दिलको करार न आया
ओ बाबा ऐसा मंजर क्यों दिखाया...!!
आस का सुंदर सपना दिखाया
उसमें मुझे कितना समझाया
समझ की जब होशियारी आई
ओ बाबा क्यों आरजू को पथ से भटकाया...!!
मन्नत कहाँ मांगी, सुन आवाज़ मैं आया
सर पर रख दो हाथ, यहीं प्रार्थना लाया
कुएँ तक आकर फिर क्यों प्यासा आया
ओ बाबा क्यों मेरी नैनों में सपना खोया...!!
छोड़ों प्रभु हमे तरसाना पावन भाव लाया
अलौकिक तेरा स्वरूप मैंने मुझ में बसाया
अनजाने जो हुए अपराध माफ़ी माँग ने आया
ओ बाबा अभिलाषा का पावन गहना लाया...!!