जलती हुई जमीन और जलता हुआ दिल।
बेचैन होकर भटकता तलाश करता बिल।।
छांव ठहरी मिले ठंडी हवा का मिले वास्ता।
तसल्ली सिर पर हाथ फेरे सुकून भरा पल।।
मन की बात कोई मन सुने औए समझे मुझे।
मैं भी समझूँगा करीब बैठ कर पल दो पल।।
ऐसे में प्यास बुझाने को अगर दरिया आये।
मुसाफिर की मुराद पूरी 'उपदेश' हसीन पल।।
धूप ढली शाम गहराने लगी चाँदनी के संग।
छप्पन तरह के पकवान पाये मसला हल।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




