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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

नहीं भूल पाऊंगी

मैं नहीं भूल पाऊंगी उन मेरे अपनों को,
उनके साथ बिताए बचपन से जवानी तक के
लम्हों को।
पर कुछ लोग है जो मेरे दुश्मन बने हुए हैं,
जो मुझे उनसे दूर करने में लगे हुए हैं।

मैं भी उसी दौर से गुज़र रही हूॅं जिससे आप गुज़रे
थे कभी,
मैं भी उसी राह पर खड़ी हूॅं जिस पर आप खड़े
थे कभी।
फ़र्क बस इतना है,
कि आपको अपना प्यार भूलना पड़ रहा था
और मुझे तो अपनी हॅंसती खेलती
दुनियां भुलानी पड़ रही है

आपको सिर्फ़ एक इंसान को भूलना था,
मुझे तो मेरे सभी अपनों को भूलना था।
क्योंकि वो तो वो थी जिससे आप
परिणय करना चाहते थे,
पर मुझे जिसे भूलना था वो तो मेरे मां,पापा और
भय्या थे।
🌼 "रीना कुमारी प्रजापत"




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Lekhram Yadav said

मेरी प्यारी बहना नमस्कार। ये तो हमारे समाज के रीति-रिवाज हैं, जिनके लिए हमें ऐसा करना पड़ता है, यह हमें पीड़ा तो देता है मगर यह एक नई दुनियां बसाने का अवसर भी देता है। इतनी अच्छी रचना के लिए प्रणाम।

रीना कुमारी प्रजापत replied

आभार आपका 💐🙏

Vadigi.aruna said

Very nice lines mam

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks

कमलकांत घिरी said

बहुत सुंदर पंक्तियां है दीदी जी।।प्रणाम।।🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया भाई 🙏प्रणाम

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