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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मैदान-ए-जंग

कागज़ है मैदान-ए-जंग, कलम तलवार है,
शब्द मेरे ढाल, विचार ही मेरा हथियार है।

मैं घायल सिपाही हूँ, टूटे हुए लशकर का,
हार जाऊँ भले, मजबूत मेरा हर प्रहार है।

फ़रेब करता है कर, लड़ूँगा ईमानदारी से,
खयाल का भाला तेरे मन के आर-पार है।

जो लिख सकता था मगर लिखा ही नहीं,
वो आदमी गद्दार था और वो गद्दार है।

सिर्फ सर काट कर जीतना उद्देश्य नहीं,
बदल सकूं दिलोदिमाग, इसकी दरकार है।
🖊️सुभाष कुमार यादव




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

श्रेयसी said

बहुत ख़ूब बहुत सुंदर रचना 🙏🙏

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद श्रेयसी जी।🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

वाह! कलम की ताकत और जज़्बे को इतना शानदार अंदाज़ दिया है कि पढ़ते ही रगों में जोश दौड़ गया… हर शेर जैसे युद्ध का बिगुल बजा रहा हो 🔥✍️👏
आदरणीय यादव सर जी को सादर प्रणाम

सुभाष कुमार यादव replied

समीक्षा के लिए धन्यवाद सहित सादर प्रणाम पचौरी सर।🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह बहुत सुंदर।एक कलमकार की अंतर्रात्मा की आवाज। ईमानदारी,निश्पक्षता, निर्मलता को आपने ओजस्विता के साथ इस रचना में उतारा है।एक सच्चा कलमकार वक्त की आवाज को अपनी रचनाओं में बुलंद करता है।हर बंध कड़क और शानदार है। सुभाष जी नमस्कार!!

सुभाष कुमार यादव replied

समीक्षा के लिए धन्यवाद सहित सादर नमस्कार समदिल सर।🙏🙏

शिवचरण दास said

बहुत खूब आपकी दरकार है यही तो सुभाषित पुकार है

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद दास सर।🙏🙏

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