तोसे अंखियों के बारे में ना पूछा मैंने,
तोसे अंखियों के बारे में ना पूछा मैंने,
तेरी अंखियों में कहां तक मैं जा पाऊंगा,
तू सफ़र में है ये राहों में असर होगा,
तेरे सोने की ना खबर है मुझे,
तेरे जगने की ना खबर है मुझे,
तोसे अंखियों के बारे में ना पूछा मैंने।
दिल में कितना मैं टूटा हुआ हूं,
तू देखें मैं कितना रूठा हुआ हूं,
मोहें जल्दी नहीं है एहसासों की,
तोहें खबर भी नहीं है ऐसे प्यासों की,
तोसे अंखियों के बारे में ना पूछा मैंने,
बातें होंगी सब्र की कहीं तो क़त्ल होगा,
तोहे देखूं कहीं तो ये सबको पता होगा।।
तोसे अंखियों के बारे में ना पूछा मैंने।।
- ललित दाधीच।।